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धातु रोग का मतलब होता है, वीर्य का अपने आप निकलना, जो आम तौर पर नींद के दौरान या अन्य परिस्थितियां जैसे पेशाब या मल त्याग के दौरान होता है. यह पुरुषों की एक यौन समस्या है, जिसमें अपने आप वीर्यपात होने लगता है, जो आमतौर पर यौन उत्तेजना और संभोग के बिना होता है.
धातु रोग किसी तरह की बीमारी नहीं है. इस में बस जब आप ज्यादा कामुक हो जाते हो या कामुक भावना में रहते हो तब आपका लिंग (लंड) खड़ा हो जाता है. तब आपके लिंग को हिलाने के या सेक्स न करने के बिना ही लिंग से सफ़ेद वीर्य की तरह या पानी की तरह धारा सी आती है.
इस कारण से आपको वीर्य की कमी हो सकती है और यह आगे जाकर आपकी यौन समस्या बन जाती है. इससे निजात पाना बहुत जरुरी है अन्यथा आगे चलकर यह आपके लुए बहुत मुश्किल खड़ी कर सकता है. आईये जानते है धातु रोग अर्थात गुप्त रोग का इलाज कैसे करें.
धातु रोग गुप्त रोग होने के कारण
- ज्यादा सेक्सी और अश्लील विडियो देखना. आज के समय लड़के और लड़कियां पोर्न विडियो ज्यादा देखते है जिस वजह से पुरे टाइम दिमाग में कामुक विचार चलते रहते है.
- लड़के अक्सर अपने ख्याल में लड़की या आंटी के साथ सेक्स करने के विचार लाते है और जिस वजह से वासना बढ़ जाती है और ऐसे में वीर्यपात अपने आप होना स्वभाविक है.
- इसी तरह लड़कियां भी अपनी योनी में लंड को महसूस करती है और सेक्स के मजी के कामुक विचार लाती है जिस वजह से भी वीर्यपात हो जाता है.
- दिमाग का कमजोर होना जिस वजह से मन पर कण्ट्रोल नहीं रह पाता.
- हमेशा गलत बातों के बारे में सोचना. खासकर अकेले में सिर्फ कामुक विचार ही लाना.
- पुरुषों का वीर्य पतला होना.
- ज्यादा हस्तमैथुन करना. कुछ पुरुषों की आदत होती है दिन में कई बार हस्तमैथुन करने की मानो ऐसा लगता है लंड उनके हाथ में ही रहता है. इस वजह से धातु रोग होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है.
- ज्यादा एंटीबायोटिक दवाईयां लेने से.
- अस्वस्थ और असंतुलित आहार लेने की वजह से.
- जरूरत से ज्यादा सेक्स करने से.
- तंत्रिका तंत्र की कमजोरी से.
- टेस्टेस्टेरान के लेवल में कमी होने से.
- शरीर में प्रोटीन और विटामीन्स की कमी के कारण.
- शरीर में कैमिकल की मात्रा ज्यादा होने से.
धातु रोग के लक्षण
- वीर्य का बहुत पतला होना
- लिंग के छेद से लार टपकना
- शरीर में कमजोरी रहना
- तनाव में रहना
- हमेशा नर्वस रहना
- कब्ज रहना
- शरीर का कोई हिस्सा कांपने लगना
- चक्कर आना
- पेशाब करते समय वीर्य निकलना
- रात को सोते समय वीर्य निकलना
- अंडकोष में दर्द होना
- रात को पसीना आना
धातु रोग गुप्त रोग दूर करने के घरेलू उपाय
1. तुलसी और अश्वगंधा
तुलसी की जड़ को अच्छी तरह सुखाकर उसका चूर्णं बनाकर इस चूर्णं को एक ग्राम की मात्रा में ले और एक ग्राम अश्वगंधा का चूर्णं मिक्स कर के खाएं और ऊपर से दूध पी जाएं इससे आपको बहुत फायदा होगा. अश्वगंधा एक सेक्सवर्धक ओषधि है और दूध भी सेक्स समस्याओं के लिए बहुत कारगार है.
2. तुलसी, इलायची और मिश्री
50 ग्राम इलायची लेकर, 15 से 20 तुलसी के पत्तो को व 10 ग्राम मिश्री का क्वाथ बनाकर इसको पीने से धातु रोग का इलाज होता है.
3. इलायची और हींग
इलायची के दाने और सेंकी हुई हींग की लगभग तीन रत्ती चूर्णं को घी और दूध के साथ मिलकर पीने से पेशाब में धातु का स्राव बंद हो जाता है. नियमित रूप से इसका प्रयोग करने से आपको जल्द फायदा देखने को मिलेगा.
4. उड़द की दाल
उड़द की डाल में सेक्स समस्याओं को दूर करने की ताकत होती है. बीस ग्राम उड़द की दाल का आटा करके उस आटे को गाय के दूध में उबाल ले और फिर इसमें थोडी मात्रा में घी मिक्स करके गुनगुना पीना है और इसका सेवन रोज करने से पेशाब की नली से धातु का स्राव का इलाज पूरी तरह से हो जाएगा.
5. आंवला और शहद
धातु रोग होने पर आपको हर रोज सुबह आंवले का सेवन करना चाहिए, प्रतिदिन सुबह अगर आप खाली पेट आंवले के रस को शहद में डालकर यह मिश्रण खाते हो तो आपका शरीर बिल्कुल मजबूत बनने लगेगा. आंवला धातु रोग को नष्ट करने के लिए बहुत ही जानी मानी कारगार ओषधि है.
6. शहद और दूध
शाम के वक्त आपको शहद और दूध का सेवन करना चाहिए जिससे धातु रोग कम करने के लिए आपको लाभ मिलेगा. दूध और शहद सेक्स समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार है.
7. सफ़ेद मुसली और दूध
हर रोज 500 ग्राम गाय के दूध के साथ आपको सफ़ेद मूसली चूर्ण डालकर दूध पी लेना चाहिए. सफ़ेद मूसली चूर्ण पीने से आपके शरीर में शक्ति आती है, शरीर में पर्याप्त मात्रा में शक्ति होने पर आप धातु रोग पर काबू पा सकते है. सफ़ेद मुसली एक सेक्सवर्धक ओषधि है जिसका काफी सेक्सवर्धक दवाइयों में प्रयोग किया जाता आ रहा है.
Ling Samasya ki Mahatvapurn Jankari
धातु रोग गुप्त रोग दूर करने के उपाय
- संतुलित और पौष्टिक आहार खाएं.
- शराब, धुम्रपान आदि से दूर रहें.
- रात के समय कम खाना खाएं और खाना खाने के बाद सीधे सोने ना जाये.
- बिस्तर छोड़ने के बाद पेशाब करें.
- थोड़े कठोर गद्दों पर सोने की कोशिश करें.
- रात को सोते समय चिपके कपड़ों का इस्तेमाल ना करें. सूती और हल्के कपडे पहनकर सोये.
- सुबह (ब्रह्म मुहूर्त में) जल्दी उठने की कोशिश करें, यह वीर्यपात की समस्या आम तौर पर सुबह के समय ही होती है.
- कामुक और वासना भरे विचारों में ध्यान लगाने की बजाए अपनी एनर्जी तथा क्षमता को रचनात्मक और निर्माणकारी कार्यों में लाने की कोशिश करें. अच्छा सोचे और अच्छा पढ़े.
- पेट सॉफ रखने की कोशिश करें ताकि बवासीर और कब्ज जैसी बीमारियाँ ना हो क्योंकि इन वजह से भी धातु रोग हो सकता है.
- जननांगों को पूर्ण तरीके से सॉफ सुथरा रखें, ताकी जलन और उसके कारण होने वाले अनैच्छिक वीर्यपात से बचा जा सके.
- स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं.
- अपने आप को दुसरे कामो में व्यस्त रखे ताकि फ्री टाइम में भी दिमाग में कामुक विचार ना आये.